राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल ( Rajkumari Ratnavati Girls School ) की विशेषता, स्कूल का इतिहास, वास्तुकला, इसका निर्माण में वस्तुए का इस्तेमाल, किसने बनवाई थी और अभी इनका संचालन कौन कर रहा है।
Introduction
ये गर्ल्स स्कूल राजस्थान के जैसलमेर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र के कनोई गाँव मे स्थित है। वैसे भारत की वास्तुकला पहेले से ही दुनिया पर राज करती या रही है इसी तरह इनकी वास्तुकला और स्थापत्य बेहद और अविश्वनिय है। ये स्कूल तपते रेगिस्तान के बीच एक अंडाकार स्वरूप में है। ये अंडाकार स्वरूप के स्कूल बनाने के पीछे कई वस्तुकलाए के बेजोड़ नियम है इसिलीए यहाँ पर आपको एक दम ठंडी का अहसास करती है। और माना जाता है की ये अंडाकार आकार की स्कूल महिलाओ की शक्ति का स्वरूप दर्शाती है। इसलिए आज हम इनके इतिहास और इनके बनाने के पीछे के कारण को जानेंगे।
इतिहास ( History )
दरसअल इस स्कूल की शुरुआत जैसलमेर के राजपरिवार के चैतन्यराजसिंह, राजेश्वरी लक्ष्मी और सूर्यग्रह पेलेस के मालिक मांदेवसिंह ने मिलकर इस स्कूल को बनाया था। इस स्कूल को बनाने का मुख्य मकसद राजस्थान की तपती धरती पर मुफ़्त शिक्षा देना का है। यहाँ पर हर जाती की लड़की को मुफ़्त मे शिक्षा दी जाती है यहाँ पर कोई भेदभाव नहीं होत है और यहाँ पर लड़कियों को मुफ़्त शिक्षा के अलावा नी:शुल्क भोजन भी दिया जाता है।
किसने बनाया ये स्कूल और कैसे बनाया ?
दरसअल इस प्रोजेक्ट की शुरुआत CITTA फाउंडेशन ( नोन प्रॉफ़िट ऑर्गनाइजेशन ) ने की थी और इनकी डिजाइन Kellogg ने की थी। इस स्कूल की रचना 400 लड़कियों के लिए की है यहाँ पर 1 से लेकर 10 तक की पढ़ाई दी जाएगी हर एक क्लास में 40 लड़कियां फ्री में पढ़ पाएगी। इन सभी लड़कियों को सबकुछ फ्री दिया जाएगा इनको ट्रांसपोर्ट सर्विस भी फ्री में दिया जाएगा और कितबे और दोपहर का लंच भी फ्री में दिया जाएगा। इस स्कूल में जाली बनाई है। केलॉग ने इस स्कूल को पारंपरिक तरीके से डिजाइन किया है इसकी हर दीवाल पर राजस्थान का स्पेशियल चुने से प्लास्टर कर रखा है और दीवार में राजस्थान के पीले बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया है। जिसके कारण हवा में एक शीतलता बनती है और पूरी स्कूल राजस्थान की तपती धूप मे ठंडक का अहसास करवाती है।
राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल क्यू महत्वपूर्ण है? ( Importance of Rajkumari Ratnavati Girls School )
राजस्थान मे गर्मी के मोसम मे तापमान 50 दिग्रि तक पोहच जाता है इस समय मे आम आदमी भि काम काज से बहार नहीं निकल सकते एसे मे स्कुल जाना मुस्किल है | इसि कड़ी धुप मे बहार जाना बहुत मुश्किल है |इसि परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए ये स्कुल बनाया गया है |इसे न्युयोर्क मे स्थित आर्किटेकट दायरला केलोग ने डिजाइन किया है |यह अंडाकार रचना मे बनाया गया है| जालिदार दिवार ओर हवादार छत कि वजह से यहा गर्मी नहि लगती है एयर कंडीशनर ना होने के बावजूद भी यहाँ ठंडी हवा मिलती है|
यहा कि वास्तुकला लोगों को आकर्षित कर रहा है ओर राजस्थान कि संस्कृति को उजागर करता है| यहा बिजली के लिए सोलार पेनल भि है ये पेनल ऐसे लगाइ गए हे जो छत पर जाने वाली सिड़ी को धकता जो धुप से बचाता है| यहा कि युनिफ़ोर्म कि काफ़ि चर्चा कि जाति हे जो फ़ेमस ड्रेस डिजाइनर सब्यासचि मुखर्जी ने डिजाइन किया है| ब्लु फ़्रोक के साथ लाल पेन्ट का कोमबिनेशन है| फ़्रोक मे गुजराती ओर राजस्थानि वर्क किया गया है यह पाठशाला 400 बालिका को पढ़ाने कि क्षमता है|
FAQ
Q – राजकुमारी रत्नावती स्कूल किसने बनाया था?
Ans – राजकुमारी रत्नावती स्कूल को न्यूयॉर्क स्थित कंपनी डायना केलॉग आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है।
Q – क्या राजकुमारी रत्नावती स्कूल में लड़कियों को शिक्षा फ्री में दी जाती है?
Ans – जी हाँ, यहाँ पर सभी लड़की को शिक्षा फ्री दी जाती है।
Q – राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल कब खुला था?
Ans – राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल 2021 में खुला था।
Q – क्या राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल मे एयर कंडीशनर है?
Ans – जी नहीं, यहाँ पर कोई एयर कंडीशनर नहीं है एक दम कुदरती ठंडी हवा के साथ ही यहाँ पर सभी लड़कियां पढती है।
Q – रत्नावती स्कूल की दीवारों में कोन से पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है?
Ans – ये गर्ल्स स्कूल में राजस्थान के बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
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