July 4, 2024
Lamayuru Monastery

Lamayuru Monastery Leh-Ladakh In Hindi : लामायुरू मठ लद्दाख

Lamayuru Monastery की जानकारी हिन्दी में, लामायुरु मठ का इतिहास, मठ क्यूँ प्रसिद्ध है, और लामायुरु को भारत का मुनलेन्ड क्यू कहा जाता है ?

 

Introduction

लेह लदाख एक एसि जगाह है जहा हर कोई जाने कि इच्छा रखता है | ये सबकि ड्रिम डेस्टिनेशन होति है | ये भारत के प्रख्यात पर्यटन स्थल में से एक है। लेह लदाख कि अपनि हि एक अलग पहचान है जो पर्यटको आकर्षित करता है | यहाँ की स्वच्छ हवाये और पहड़े सब का दिल जीत लेती है। यहाँ हर सअल लाखों लोग देश और विदेश से ट्रैवल करने आते है जो भारत को गर्व लेने जैसे बात है। जैसे ही यहाँ के पहाड़, नदियां, झरने और साथ में मठ भी फेमस है।

लेह लदाख कुदरती सोंदर्य से भरा हुआ है लेकिन यहाँ कि संस्कृति कि बात कि जाये तो ये हर किसी का मन मोह लेति है | यहाँ की तिब्बती संस्कृति हर पर्यटक का अपनी और खींच लेती है। यहाँ काफी सारे मठ भी है पर इनमे से लामायुरु नाम का मठ बहुत ही प्रसिद्ध है क्यूंकी इनके पीछे काफी सारा इतिहास है और इनको भारत का मूनलाइट भी कहा जाता है।

 

इतिहास ( Lamayuru Monastery History )

कहा जाता है की यहाँ पहले एक जिल हुआ करती थी। बाद में ये सूखती गई और उसमे तिराड पड़ने लगी अब यहाँ बस गीली माटी ही बची है, 11 शताब्दी के आसपास महासिद्धचर्य नरोपा ने एस जिल को हटके मठ की स्थापना की थी। इस कहानी का कोई प्रमाण नहीं लेकिन ये एक कहानी है जो सदियों से बताई जाती है। लामायुरु मठ लेह लद्दाख के मेठ मे से सबसे खास मठ है। लामायुरु मठ सबसे बाद और पुराना मठ है।

यहाँ का मुख्य त्योहार कबगयात हर साल मनाया जाता है। यहाँ इस त्योहार के दी नृत्य का आयोजन किया जाता है, इस त्योहार मे काफी सारे लोग आते है। ये त्योहार जुलाई और अगस्त में होत है और यहा आने के लिए मे महीने से लेकर सितंबर का समय सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय मे आप लेह लद्दाख मे और जगह भी घूम सकते हो क्यूंकी इस समय लेह लद्दाख मे बर्फ बारी नहीं होती और रास्ते भी साफ होते है।

आध्यात्मिक शांति पाने के लिए लामायुरु एक श्रेष्ठ जगह है। आजकल की भगड़ोद के जीवन मे शांति पान काफी जरूरी है यहाँ जो शांति मिलती है ऐसी शांति और कहीं नहीं मिलती। यह शांतिपूर्ण महोल मे भिक्षु ध्यान करने आते है। यह की संस्कृति ही ऐसी है जो हमे आध्यात्मिकता की और आकर्षित करती है। यह हम काफी शांति पा सकते है और हमारे जिंदगी के भरे हुए पल बीटा सकते है जो हमारी के अमूल्य समय होगा। यहाँ हमे जो आत्मशनती मिलती है जो हमे और काही नहीं मिल सकती।

काफी लोगों को लेह लद्दाख सुनते ही ऊच्चे पहाड़ों मे राइडिंग और ट्रेकिंग याद या जाती है। यहाँ के ऊच्चे पहाड़ी पर आप ट्रेकिंग भी कर सकते हो और ट्रेकिंग समय मे आप लेह लद्दाख की असली खूबसूरती मान सकते हो।

भारत का मुनलेन्ड ( Lamayuru Monastery India’s Moonland )

यहा पेड़, पोधे ओर हवा कम है, प्रेशर कम है ओर ये जगह चान्द कि जमीन कि तराह दिखति है इसलिए इसे मुनलेन्ड कहा जाता है| फ़ुल मुन लाइट मे यहा कि मिटी काफ़ि रिफ़लेट करती जो आम दिनो मे नहि होति| चन्द्रमा कि तरह यहा खदे दिखाइ देते हैं| ये लेह से 130 किलोमीटर ओर श्री नगर से 434 किलोमीटरदुर है|

ये गाव 3510 मीटर कि उचाइ पर स्थित है| इसे देखते हि ऐसा लगता है कि ये प्रुथ्वी का हिस्सा नहीं है| आज कल लोग इसे देखनि कि काफ़ि इच्छा रखते हैं| इसे युरु मढ भि कहा जाता है। मंगल ओर चन्द्र कि धरती को अभ्यास करने के लिये वेग्नानिको इस जगह का अभ्यास करते हैं|

 

FAQ

 

Q – लामायुरु मठ कहाँ पे आया है ?

Ans – लामायुरु मठ लेह लद्दाख में आया है।

 

Q – लामायुरु मठ क्यूँ प्रसिद्ध है?

Ans – लामायुरु अपने मठ और अपनी चंद्रमा परिद्रश्य के लिए प्रसिद्ध है।

 

यहाँ भी पढे :

IRFC हिन्दी

रत्नावती स्कूल राजस्थान

 

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