Khajjiar – आज कल कि भागडोड से दुर रहकर शांति पाने के लिए लोग अकसर शांति ओर प्राकृतिक सोन्दर्य से भरि हुइ जगह को पसंद करते हैं| आज के समय मे घुमने कि जगह पर हर समय भीड रहती है| इसलिए हम आज एक इसी जगह कि बात करेंगे जहा आप प्रकृति का आनंद ओर शांति पा सकते हैं|
आज हम भारत मे स्थित “मिनि स्विटजरलेन्ड ” कि बात करेंगे, जो हिमाचल प्रदेश मे डलहोलि के पास स्थित एक छोटे शहर हैं|यहा का तश्तरि आकर का पढार जो देवदार ओर चिड के जंगलो से घिरा हुआ है जो यहा कि सोन्दर्यता बढाता है ओर पर्यटको अपनि तरफ़ खिचता हैं|
अगर आप कम पेसे मे विदेश का मजा लेना चाहते हो तो, आप दुनिया के 160 ‘मिनि स्विटजरलेन्ड ‘ से एक खज्जियार, जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है वहा जा सकते हैं|
इतिहास ( Khajjiar History )
7 जुलाइ 1992 में तत्कालिन उप परामर्शदाता ओर भारत मे स्विटजरलेन्ड के राजदुत ने इसे मिनि स्विटजरलेन्ड का दर्जा दिया है| खाज्जियर मे प्रवेशते हि यहा पर एक साइन बोर्ड रखा गया है जिस पर ‘ हाइकिंग पथ ‘ लिखा गया है जिसे मिनि स्विटजरलेन्ड पढा जाता है|
खाज्जियर मे घुमने कि जगह ( Visiting Place in Khajjiar )
हिमाचल प्रदेश के खाज्जिअर मे आप यहा कि हरयालि का आनंद ले सकते हैं| आप पहाडो ओर जिलो का मजा ले सकते हैं| यहा के धार्मिक स्थल काफ़ि प्रसिद्ध है आप यहा घुम सकते हैं| इसके अलावा आप यहा घोडेसवारि, ट्रेकिंग जेसि साहसिक गतिविधियां कर सकते हैं|
यहा कि जिल यहा कि सोन्दर्यता को काफ़ि बढावा देती हैं| जो 1920 मिटर कि उचाइ पर स्थित हैं| यह देवदार ओर चिड़ के वृक्ष से घेरा हुआ है| यहा कि सुंदरता को देखने के लिए काफ़ि संख्या में यहा पर्यटको आते हैं| सब जगह मे से यह जगह काफ़ि सुंदर हैं|
यहा आप सबसे लोकप्रिय मंदिर खजमि नाग मंदिर कि मुलाकात जरुर ले, यह मंदिर 12वि सताब्दि मे बनाया गया है| इस मंदिर कि शेलि मे आपको हिंदू ओर मुस्लिम शेलि का मिश्रन देखने को मिलेगा| यहा के मुख्य देवता खज्जि नाग है इसलिए इसे खज्जि नाग मंदिर कहते है| यहा भकतो कि काफ़ि भिड़ रहती हैं|
यहाँ कि शिव मुर्ति हिमाचल प्रदेश में काफ़ि प्रसिद्ध है, जो 85 फ़िट उचि है| जो सर्दियो के मोसम मे बर्फ़ से ढकि हुइ होति है| यहा हर साल जुन जुलाइ मे समारोह रखा जाता है|
यहा का स्वर्ण मंदिर खाज्जिअर का सबसे खूबसूरत मंदिरो मे से एक है| यहा से काफ़ि अच्छे नजारे देखने को मिलते हैं| ये जिल से काफ़ि नजदिक हैं|
कालाटोप वन्यजिव अभयारण्य 30.69 किलोमीटर मे फ़ेला हुआ है| यहा पर आपको लन्गुर, सियार, भालु, गोरल, हिमालयन ब्लेक मार्ट्न ओर तेंदूअ जेसे जंगलि प्राणी देखने को मिलेगे| यहा पर छोटि छोटि नदिया भि बेहति है जो इस अभयारण्य कि खुबसुरति बढा देती है| यह जगह प्रकृतिप्रेमी ओर प्राणीप्रेमी दोनों के लिए काफ़ि अच्छि जगह है| यहा ट्रेकिंग ओर पिकनिक के लिए काफ़ि अच्छि जगह है| यहा पर जरुर आये ओर इसका मजा ले|
कहा जाता है कि यहा पर पेड़ मे 6 अंकुर देखने को मिलते हैं| यहा के लोगो का मानना है कि ये पांडवो ओर द्रोपदि का प्रतिनिधित्व करते हैं|
खाज्जिअर जाने के लिए सबसे अच्छा समय ( Best Time to Visit in Khajjiar )
आप यहा साल मे कभि भि जा सकते है ओर यहा कि हरयालि ओर सुन्दरता का आनंद ले सकते हैं| सर्दियो के मोसम मे यहा काफ़ि बर्फ़बारि होति है इसकि वजह से यहा के रास्ते कइ बार बंद हो जाते हैं| इसलिए आप सर्दियो के मोसम मे ना जाये ओर काफ़ि दिकते भि आ सकती है| इसलिए सर्दियो मे जाने का टाले|
खाज्जिअर जाने के रास्ते
यहा पर आप सडकमार्ग, ट्रेन ओर हवाइमार्ग से यहा आसानि से पोहच सकते हैं|
आप यहा चंबा ओर डलहोलि से सडकमार्ग से यहा पोहच सकते हैं| टेक्सि ओर यहा कि स्थानिक बस भि चलति है जो आपको खाज्जिअर तक पोहोचा देगि|
पढानकोट यहा का नज्दिक कि रेल्वे स्टेशन है| यहा से खाज्जिअर लगभग 118 किलोमीटर कि दुरि पर है| आप पढानकोट से ट्रेन से यहा पोहच सकते हैं|
अगर आप हवाइजहाज से जाना चाहते हो तो आपको धर्मशाला से 120 किलोमीटर कि दुरि पर गग्गल पर स्थित है| यहा से आप बस ओर टेक्सि से पोहच सकते हैं|
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