July 3, 2024
Keoladeo National Park

Keoladeo National Park | केवालादेव नेशनल पार्क की जानकारी

Keoladeo National Park की जानकारी हिन्दी में, इतिहास, पार्क की विशेषता और पार्क घूमने का बेस्ट समय। ( About Keoladeo National Park, History, Speciality And Best time to visit )

 

आज हम भारत के एक प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य कि बात करेंगे जो विश्व धरोहर स्थल में शामिल हैं| ये पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य नाम से जाना जाता था| आज हम केवलादेव केनेशनल पार्क के बारे मे जानेगे जो राजस्थान के भरतपुर में स्थित है|  यहा पक्षीओ कि 230 से अधिक प्रजातीया पाए जाती हैं| यहा हर साल हजारो कि संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं जो हर साल परर्यटो का आकर्षन का केन्द्र बनता है|

 

इतिहास ( Keoladeo National Park History )

यह लगभग 250 वर्ष से मोजुद है| ओर ये महराजाओ का शिकार करने का स्थल था| कहा जाता है कि ब्रिटिश ओफ़िसर भि यहा शिकार करने आते थे|  इस जगाह पर काफ़ि संख्या में पक्षीओ का शिकार होता था उसके बाद इसे पक्षी अभयारण्य बना दिया गया| 13 मार्च 1976 मे इसे पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया ओर शिकार पर पाबंदी लगाई गई| बाद मे इसे 10 मार्च 1982 मे इसको भरतपुर पक्षी अभयारण्य बना दिया गया| ओर यहा गाव के लोगो को पशु चराय के लिए भि प्रतिबंध लगाया गया क्यु की अब वे राजस्थान के वन अधिनियम 1953 के अंतर्गत आता है| अब ये पर्यटको को के लिए आकर्षक का केन्द्र बन चुका है| जहा हर साल विदेशी पक्षी आते हैं ओर रहते हैं| आज हम इसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जानते हैं| 1985 मे इसे विश्व धरोहर स्थल में शामिल कर लिया है|

 

क्यु है केवलादेव नेशनल पार्क कि खासियत ( Park’s Speciality )

यह अभयारण्य घास के मेदान, दलदल, वुडलेन्ड से मिलकर बना हुआ है| यहा सिर्फ़ पक्षी हि नहीं बल्कि वनस्पति ओर प्राणी का भि बडा समुह पायि जाति है| यह पार्क प्रकृति से हराभरा है| यहा एसि कइ प्रजातीया पायि जाती है जो ओर कइ नहीं देखने को मिलती है| यहा वन्य जीवों के साथ साथ जलिय प्रजाति भि पायि जाति है| केवलादेव नेशनल पार्क मे 375 पक्षीओ कि प्रजाति, 13 सापो कि प्रजाति, 50 मछलीओ कि प्रजाति ओर वनस्पति कि 379 प्रजातीया पायि जाती हैं|

यहा के स्थानिक पक्षीओ मे बतक, सारस ओर बगले कि कइ प्रजातीया पायि जाती है जो इस पार्क मे अकसर देखे जाने वाले पक्षीओ मे से हैं| यहा लाखो कि संख्या में विदेशी पक्षी भी देखने को मिलते हैं जो हर साल भारत मे सर्दियो के मोसम मे स्थानातर करके आते हैं|  यहा पर इसके अलावा अछुये ओर छिपकली कि भी कइ प्रजातीया देखने को मिलती है| यहा वनस्पति ओर प्राणी का बड़ा समुह देखने को मिलता है इसे घाना के नाम से जाना जाता है| इसलिए  केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान से भि जाना जाता है|

 

पक्षीओ का आगमन ( Bird’s Welcome )

हर साल लगभग 300 से अधिक विदेशी पक्षी को कि प्रजातिया अक्टुमबर मे हि केवलादेव नेशनल पार्क मे आना शुरू हो जाती हैं| केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आते हि ओ अपना नेस्ट बनाते हैं| यहा पर अपनि प्रजनन क्रिया करते हैं और बच्चों को जन्म देते हैं ओर उसे बड़ा करके यहा से अपने साथ ले जाते हैं| विदेशी पक्षी यहा पर अक्टुमबर से मार्च तक यहा रहते हैं ओर वापस चले जाते हैं|

हर साल की तरह इस साल भि पक्षीओ कि आने कि शुरुआत हो चुकी हैं| पेटेट स्टोकर्स सेकडो कि संख्या में केवलादेव नेशनल पार्क मे पोहचे है| ओर हर साल कि तरह पार्क मे काफ़ि अच्छा नजारा देखने को मिल रहा है|

लेकिन जानकारी के अनुसार केवलादेव नेशनल पार्क मे इस साल पानि कि कमी देखने को मिल रही हैं| पक्षी कि आने कि शुरुआत हो चुकी है लेकिन कम बारिश कि वजह से पानि कि समस्या खड़ी हो चुकी है|

जानकारी मिलि हे कि शहर के लोगो को को पानि कि सप्लाई रोक कर नेशनल पार्क मे पानि कि सप्लाई कि जा रहि है| केवलादेव नेशनल पार्क मे कइ समय से पानि कि कमि देखने को मिल रहि है ओर इसे पुरि करने कि कोशिश जारि है| केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के वन संरक्षक ने जानकारि दि हे कि गोवर्धन ड्रेन से पानि कि जरुरियात पुरि कि जा रहि हैं|

 

क्यु हमे केवलादेव नेशनल पार्क कि मुलाकात करनी चाहिए? ( Why Visit Keoladeo National Park )

केवलादेव नेशनल पार्क मे सिर्फ़ पक्षीओ तक सिमित नहीं है यहा कि हरयालि भि सबको यहा खिच लाति है| यह जगह प्रकृति प्रेमी ओर पर्यटको दोनो के लिए ये जगह आनंददायक ओर बेहद अच्छि जगह है| आप यहा प्रकृति का मजा लेते हुए इस नेशनल पार्क मे अपना पुरा दिन बिता सकते हैं|

यहा हर साल विदेशी पक्षी कि कइ प्रजातीया पायि जाती हैं जो भारत भारत में ओर कइ नहीं पायि जाति आप इस पक्षीओ कि सुंदरता ओर अवाज का आनंद ले सकते हैं| विदेशी पक्षी को निहारने का इस से अच्छा मोका ओर कइ नहीं मिल सकता है| अपने मित्रों ओर परिवार के साथ आप यहा आनंद ओर शांति से अपना समय बिता सकते हैं|

अगर आप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान कि यात्रा करना चाहते हो तो आप सर्दियो मे जरुर जाये ये समय पार्क मे घुमने ओर आनंद लेने का श्रेष्ठ समय है| सर्दियो मे हि आपको विदेशी पक्षी देखने को मिलते हैं इसलिए आप सर्दियो कि मोसम मे जरुर जाये| आप यहा पेदल चलके, साइकल ओर रिक्षा कि सवारी करके भी पार्क के मजा ले सकते हैं| अगर आप पार्क का अच्छे से आनंद लेना चाहते है तो पेदल हि पार्क कि सेर करे|

अगर आपको फ़ोटोग्राफ़िका शोख है तो आपको यहा अपना केमेरा साथ ले जा सकते हैं यहा आप फ़ोटोग्राफ़ि कर सकते हैं| यहा आप कुदरति फ़ोटो खिच सकते हैं| हर साल लाखो कि संख्या मे पर्यटको आते हैं ओर उन्हे अपने केमेरे मे केद करते हैं| भारतीय लोगो के लिए यहा कि फ़िस 25 रुपये है ओर विदेशी पर्यटको के लिए 200 रुपये है|

आप अक्टुम्बर से मार्च तक केवलादेव नेशनल पार्क कि मुलाकात ले सकते हैं ओर सर्दियो के मोसम मे आप जरुर पार्क कि अपने मित्रों ओर परिवार के साथ यात्रा किजिए|

 

FAQ

Q – केवलादेव राष्ट्रीय उधयं कहाँ पर आया है?
Ans – यह राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान मे स्थित है।

Q – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है?
Ans – यह उद्यान विविध पक्षियों की प्रजातियों के लिए फेमस है यहाँ पर 365 से भी ज्यादा पक्षियों की प्रजाति है।

Q – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब की गई थी?
Ans – ये राष्टीय उद्यान की स्थापना 10 मार्च 1982 के दिन से हुई थी।

Q – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है?
Ans – 28.73 Km Square

Q – राजस्थान के केवलदेव राष्ट्रीय उद्यान मे कितनी जाती के पक्षी है?
Ans – इस राष्ट्रीय उद्यान मे 365 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी है।

 

 

यहाँ भी पढे :

फलकनुमा पेलेस

चम्बल रिवरफ़्रंट की जानकारी

लामायुरु मोनेस्टरी

 

टिप्पणी : यह ब्लॉग सिर्फ एज्युकेशनल हेतु के लिए ही है।

One thought on “Keoladeo National Park | केवालादेव नेशनल पार्क की जानकारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *